कर्मचारी कल्याण कोष योजना
🌟 उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य शिक्षक साथी के निधन की स्थिति में उनके परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
📝 सदस्यता हेतु आवश्यक शर्तें
- सदस्य मध्यप्रदेश राज्य के शिक्षा विभाग के शासकीय कर्मचारी होना चाहिए।
- सदस्यता निःशुल्क है।
- किसी सदस्य की आकस्मिक मृत्यु पर उनके नामिनी को सहयोग राशि देना अनिवार्य होगा।
- सदस्य को योजना से जुड़ने के 3 माह बाद (लॉंकिंग पीरियड) सहायता के पात्र माना जाएगा।
🚀 योजना का प्रारंभ
- योजना की शुरुआत ₹2,00,000 सहयोग राशि से की गई है।
- सदस्य संख्या बढ़ने के साथ सहयोग राशि में भी वृद्धि की जाएगी।
- यदि एक ही माह में एक से अधिक सदस्य दिवंगत होते हैं, तो सदस्यता दिनांक की वरिष्ठता के आधार पर सहयोग की अपील की जाएगी।
⏳ लॉंकिंग पीरियड
- यदि मृत्यु 3 माह बाद होती है → सहयोग की अपील की जाएगी।
- यदि मृत्यु 3 माह से पहले होती है → कोई अपील नहीं की जाएगी।
- यह नियम योजना के दुरुपयोग को रोकने हेतु अनिवार्य है।
🔁 सहयोग की निरंतरता
- 3 बार लगातार सहयोग करने वाले सदस्य सक्रिय सदस्य माने जाएंगे।
- 3 सहयोग पूरे करने के बाद यदि अगला सहयोग छूट जाए और मृत्यु हो जाए → सहयोग की अपील की जाएगी।
- लगातार 2 सहयोग न करने की स्थिति में सदस्यता अमान्य मानी जाएगी।
🔄 पुनः सदस्यता
- 2 या अधिक सहयोग छूटने पर सदस्य अपात्र हो जाएगा।
- पुनः सदस्य बनने हेतु 3 सहयोग पुनः करना अनिवार्य होगा।
- जब तक 3 सहयोग पूरे न हों, सदस्यता अमान्य रहेगी।
🚫 अपात्रता की स्थिति
- फर्जी स्क्रीनशॉट देने पर सदस्यता अमान्य मानी जाएगी।
- नामिनी को सहयोग न करने पर सदस्यता समाप्त मानी जाएगी।
- लॉंकिंग पीरियड पूरा न होने पर कोई अपील नहीं की जाएगी।
- आत्महत्या या विवादित मृत्यु पर सहयोग की अपील नहीं होगी।
- ऐसे मामलों का निर्णय संबंधित जिले के सदस्यों द्वारा लिया जाएगा।
- सेवा निवृत्त कर्मचारी योजना में शामिल नहीं होंगे।
🏢 जिलों की भूमिका
- आत्महत्या, विवाद आदि मामलों का निराकरण संबंधित जिले के सदस्यों द्वारा किया जाएगा।
- जिले के सदस्य दिवंगत सदस्य के परिवार को नैतिक एवं प्रशासनिक सहायता प्रदान करेंगे (जैसे – अनुकंपा नियुक्ति, बीमा क्लेम आदि)।
🙏 महत्वपूर्ण अनुरोध
किसी भी सदस्य के निधन पर कृपया उनके नामिनी को निर्धारित सहयोग अवश्य करें। यह सहायता हमारी सामूहिक संवेदना और संगठनात्मक एकता का प्रतीक है।